गीत: “पाँच कोशों की साधना”

गीत: “पाँच कोशों की साधना” (ताली – 8 मात्रा, राग – यमन/भैरवी शैली, गति – मध्यम) (मुखड़ा) पाँच कोशों की साधना, जीवन बने मधुर गाथा। तन, प्राण, मन से होकर, पहुँचे आत्मा की छाता।।   (अंतरा 1 – अन्नमय कोश) शुद्ध अन्न से तन पावन होवे, उपवास से चेतन जगे। आसन से बहती प्राण तरंगें, […]

Read More

📖 पाँच शरीरों की कहानी – “मोबाइल की आत्म-यात्रा”

एक बार की बात है…राज नाम का एक लड़का नया मोबाइल खरीदकर बहुत खुश था। चमचमाता हुआ फोन उसके हाथ में था, और वह सोच रहा था कि अब वह इससे दुनिया से जुड़ सकेगा, गेम खेल सकेगा, पढ़ाई कर सकेगा, और दोस्तों से बातें कर सकेगा। लेकिन उसे ये नहीं पता था कि यह […]

Read More

होली: योगिक सामाजिक समरसता का प्रतीक

भूमिका होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो रंगों, उल्लास और सौहार्द्र का पर्व है। यह केवल रंगों का उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, आध्यात्मिक जागरण और योगिक संतुलन का भी प्रतीक है। इस पर्व की विशेषता यह है कि यह जाति, धर्म, वर्ग और भेदभाव से परे सबको एक सूत्र में […]

Read More

बदलती दुनिया और अस्थिर मन

“पल-पल रंग बदल रही है दुनिया, और लोग पूछ रहे हैं कि होली कब है।” यह पंक्ति न केवल व्यंग्य है, बल्कि हमारे समाज का यथार्थ भी दिखाती है। हर क्षण दुनिया बदल रही है—विचार, मूल्य, संबंध, और परिस्थितियाँ लगातार रूप बदल रहे हैं। लेकिन हम इन परिवर्तनों को समझने और उनसे सीखने की बजाय […]

Read More

Hello world!

Welcome to WordPress. This is your first post. Edit or delete it, then start writing!

Read More

© Copyright Nirala Life All Rights Reserved.